40 की उम्र के बाद महिलाएं ऐसे रखें अपनी सेहत का ख्याल

Updated on 04-07-2020 03:56 AM
घर परिवार का ध्यान रखने के दौरान महिलाएं अपनी सेहत की ओर ध्यान नहीं देतीं, ऐसे में 50 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वे बिमारियों की गिरफ्त में आने आने लगती हैं। महिलाओं को सुबह शाम उठते बैठते जोड़ों और घुटनों में दर्द होने लगता है। महिलाओं में आर्थराइटिस (जोड़ों के दर्द) का कारण पोषक तत्वों की कमी और मोटापा है।
आम तौर पर महिलाएं इसे उम्र बढ़ने का संकेत मानकर नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में विशेषज्ञ से विचारविमर्श करें। घुटनों में सुबह-सुबह दर्द, अकड़न, लॉकिंग एवं पॉपिंग से शुरुआत होने से लेकर जोड़ों में सूजन होने तक, यह आर्थराइटिस के संकेत हो सकते हैं जोकि एक प्रगतिशील ज्वाइंट स्थिति है और अधिकतर भारतीय महिलाएं इन संकेतों को नजरअंदाज करती हैं।
सही समय पर पहचान : 
महिलाएं तभी डॉक्टर के पास जाती हैं जब यह स्थिति ऐसे स्टेज में पहुंच जाती है जब दर्द असहनीय हो जाता है। याद रखें कि देरी होने से जोड़ों को होने वाला नुकसान कई गुणा बढ़ा सकता है। यदि इसका शुरुआती चरणों में इलाज हो जाए, तो पारंपरिक उपचारों की मदद से इस स्थिति को बढ़ने में विलंब किया जा सकता है।
वजन पर नजर :
मोटापा बढ़न महिलाओं में जोड़ों की बिमारी का बड़ा कारण है। हमारे जोड़ कुछ हद तक वजन उठाने के लिए डिजाइन हैं। प्रत्येक एक किलो अतिरिक्त वजन घुटनों पर चार गुना दबाव डाल सकता है। क्षमता से अधिक वजन जोड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए सही वजन का मतलब है स्वस्थ जोड़।
30 मिनट की वाक : हर दिन 30 मिनट की वॉक हड्डियों एवं जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकती है।
छोटी-मोटी चोटों को गंभीरता से लें : हम जोड़ों के आसपास लगी छोटी-मोटी चोटों को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. इससे हानिकारक स्थितियां पैदा हो सकती हैं, जैसे भविष्य में आर्थराइटिस हो सकता है। यदि दर्द बार-बार हो रहा है तो विशेषज्ञ की सलाह लें। हम अक्सर ऐसे मरीजों को देखते हैं जहां ज्वाइंट इंजरी ज्वाइंट डिजनरेशन का कारण बन जाती हैं। 
शरीर के पॉश्चर पर रखें नजर : गलत पॉश्चर से जोड़ों, खासतौर से घुटने पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है. घुटने शरीर में सबसे अधिक भार सहन करने वाले जोड़ हैं. इससे घुटने में दर्द हो सकता है. सही पॉश्चर रखना, काम के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लेना, नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करना और अपने पॉश्चर को बीच-बीच में ठीक करने से घुटने के दर्द को कम करने में मदद मिलती है.
पेनकिलर्स का प्रयोग न करें : हमारे देश में खुद से दवाएं लेना एक आम समस्या है. आमतौर पर, हम अक्सर शरीर में दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लिए बिना पेनकिलर्स का सहारा लेते हैं. पेनकिलर्स भले ही हमें दर्द से फौरन राहत दिलाते हैं पर, वह स्थिति का उपचार नहीं करते. इससे कई को-मॉर्बिड स्थितियां पैदा हो सकती हैं इसलिए यदि आप अपनी मॉम को जोड़ों के दर्द के लिए खुद से पेनकिलर्स लेते हुए देखें, तो फौरन ऑथोर्पेडिस्ट के पास जाकर उनका परीक्षण कराएं.

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 04 July 2020
बारिश के मौसम में वातावरण में मौजूद नमी आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकती है, ऐसे में कुछ मामूली बदलाव और आयुर्वेदिक साबुन के इस्तेमाल से त्वचा की चमक व…
 04 July 2020
पति-पत्नी का रिश्ता सिर्फ प्यार और विश्वास पर भी टिका होता है लेकिन जहां प्यार है वहां थोड़ी- बहुत तकरार भी हो ही जाती है। जो आगे चलकर रिश्तों को…
 04 July 2020
स्तन कैंसर वाली रजोनिवृत्त महिलाओं में हृदय रोग का अधिक खतरा होता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगाया है। एक अध्ययनकर्ता ने कहा, "कीमोथेरेपी, रेडिएशन…
 04 July 2020
घर परिवार का ध्यान रखने के दौरान महिलाएं अपनी सेहत की ओर ध्यान नहीं देतीं, ऐसे में 50 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वे बिमारियों की गिरफ्त में आने आने लगती…
 04 July 2020
बारिश का मौसम करीब आ गया है। बारिश के मौसम में महिलाओं को अपनी त्वचा का विशेष ख्याल रखना होता है। बरसात के मौसम में कई तरह की त्वचा की…
 04 July 2020
चीनी का अधिक सेवन करते हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि यह कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। ज्यादातर लोग इस बात से अनजान हैं कि चीनी की…
 04 July 2020
मोतियाबिंद पहले आमतौर पर सिर्फ बुजुर्गों में ही पायी जाती थी लेकिन आजकल ये युवाओं ओर बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। ऐसे में अगर आप किसी बीमारी…
 04 July 2020
अधिकतर लोग यह जानने उत्सुक रहते हैं कि कितनी बार खाना खाने से सेहत ठीक रहती है। हम में ज्यादातर लोग दिन में केवल 3 बार खाना खाने पर जोर…
Advt.