पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शनिवार को हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद पहुंचे है। अपने दौरे पर बोस ने कहा, 'यह कल के दौरे का विस्तार है। मैं आज और जगहों पर जाऊंगा और प्रभावित लोगों से मिलूंगा।' राज्यपाल हिंसा में जान गंवाने वाले 3 लोगों के परिवार से भी मिलेंगे।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम भी मुर्शिदाबाद का दौरा करेगी। शुक्रवार को मालदा पहुंचने के बाद राज्यपाल बोले- कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अगर राज्य को मदद की जरूरत है, तो हम केंद्र बल भेजने के लिए तैयार है। उन्होंने दौरे की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपने की भी बात कही। NHRC की टीम ने शुक्रवार को मालदा के परलालपुर हाई स्कूल का दौरा किया था।
इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की टीम ने भी राहत शिविरों का दौरा किया। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर गुरुवार को कोलकाता पहुंचीं थी। उन्होंने कहा- इस दौरे का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं का मनोबल बढ़ाना है। इन लोगों को जो पीड़ा हो रही है वह अमानवीय है। हम उनकी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे।
वहीं, पश्चिम बंगाल BJP विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ वह आंखें खोलने वाला था। जिहादी सनातनी लोगों के घर, दुकानें और मंदिर जला रहे हैं। क्या यह सीरिया, अफगानिस्तान या पाकिस्तान है?
पॉल ने जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मांग की। उन्होंने कहा- लोगों को पता होना चाहिए कि वास्तव में क्या हुआ था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इसमें क्या भूमिका थी।
ममता ने राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था
17 अप्रैल को CM ममता बनर्जी ने राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था। ममता ने कहा- मैं गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें। राज्यपाल से कुछ और दिन प्रतीक्षा करने की अपील करूंगी।
उधर, विश्व हिंदू परिषद (VHP) हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है। VHP कार्यकर्ता शनिवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेंगे। VHP अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देश भर के हर जिला मुख्यालय में जिलाधिकारियों को ज्ञापन देकर मांग करेंगे कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करे।
ममता सरकार ने कहा- सब नियंत्रण में हैं
17 अप्रैल को जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की बेंच नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई की। केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने संवेदनशीलता को देखते हुए मुर्शिदाबाद में CAPF (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तैनाती बढ़ाने की मांग रखी थी।
वहीं, ममता सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की। इसमें ममता सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब नियंत्रण में हैं। कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य सभी पक्षों को चेतावनी दी कि कोई भी भड़काऊ बयानबाजी न करे। कोर्ट ने कहा, “कृपया कोई भी भड़काऊ भाषण न दें। यह निर्देश सिर्फ किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है।”
16 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इमामों की बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा- मुर्शिदाबाद में हुआ दंगा प्री प्लांड था। इसमें भाजपा, BSF और सेंट्रल एजेंसीज की मिलीभगत थी। बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में बुलाकर ये दंगे करवाए गए।